संयुक्त प्रगितिशील गठबंधन के सत्ता में दोबारा लौटने का उद्योग जगत ने भले ही स्वागत किया हो, पर संचार मंत्री ए. राजा के पदभार संभालने के बाद दिए वक्तव्य से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के बीच उलझन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
राजा ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द लोकल कॉल दर 10 पैसे और एसटीडी कॉल दर 25 पैसे प्रति मिनट तक आ जाएगी। दूरसंचार कंपनियों ने एकस्वर में कहा है कि मौजूदा प्रावधान के तहत ऐसा संभव नहीं हो सकता।
फिलहाल प्रति मिनट कॉल की औसत लागत 50 पैसे तक आ गई है। इसमें 20 पैसे टर्मिनेशन शुल्क शामिल है। यदि राजा की ख्वाहिश को लागू किया जाए तो ऑपरेटरों को प्रति मिनट 40 पैसे का नुकसान होगा। अगर कॉल समान नेटवर्क में की जाए तो नुकसान 20 पैसे प्रति मिनट का होगा।
लंबी दूरी की कॉल के बारे में ऑपरेटरों का कहना है कि इसमें टैरिफ दरें लागू करना संभव नहीं है क्योंकि टर्मिनेशन शुल्क के अलावा उन्हें प्रति मिनट 65 पैसे के कैरिज शुल्क का भी भुगतान करना पड़ता है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के एक सदस्य ने बताया, ''राजा के कहने के अनुसार हमलोग कॉल की दरें कम नहीं कर सकते। ऐसा करने का मतलब नुकसान उठाना है।''
राजा ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि बहुत जल्द लोकल कॉल दर 10 पैसे और एसटीडी कॉल दर 25 पैसे प्रति मिनट तक आ जाएगी। दूरसंचार कंपनियों ने एकस्वर में कहा है कि मौजूदा प्रावधान के तहत ऐसा संभव नहीं हो सकता।
फिलहाल प्रति मिनट कॉल की औसत लागत 50 पैसे तक आ गई है। इसमें 20 पैसे टर्मिनेशन शुल्क शामिल है। यदि राजा की ख्वाहिश को लागू किया जाए तो ऑपरेटरों को प्रति मिनट 40 पैसे का नुकसान होगा। अगर कॉल समान नेटवर्क में की जाए तो नुकसान 20 पैसे प्रति मिनट का होगा।
लंबी दूरी की कॉल के बारे में ऑपरेटरों का कहना है कि इसमें टैरिफ दरें लागू करना संभव नहीं है क्योंकि टर्मिनेशन शुल्क के अलावा उन्हें प्रति मिनट 65 पैसे के कैरिज शुल्क का भी भुगतान करना पड़ता है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के एक सदस्य ने बताया, ''राजा के कहने के अनुसार हमलोग कॉल की दरें कम नहीं कर सकते। ऐसा करने का मतलब नुकसान उठाना है।''
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